बायट (BIET) माधोपट्टी -एक परिचय
विधा -विभा से विभूषित एवं पावन सलिला बागमती नदी के कलकल जल से आप्लावित इस मिथिला की पावन धरती पर अवस्थित ज्ञानपुंज शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान सन 1908 ई० दीर्घतर कालखण्ड से शिक्षक प्रशिक्षण के क्षेत्र में अग्रसर रहा है।
दरभंगा जिला मुख्यालय से लगभग 20 km की दूरी पर स्थित यह संस्थान प्रकृति की गोद में बसा हुआ है।
दक्षिणगामिनी बागमती की एक जलधारा संस्थान के ठीक पूरब भाग में बहती है ------एकड़ में फैला यह संस्थान मुख्यतः दो भागो में विभक्त है। माधोपट्टी -गांव की सड़क इसे दो भागो में विभाजित करती है। उतरी भाग में पूरब छात्रावास के स्थापना की गयी है तथा दक्षिणी भाग में मुख्य शैक्षणिक भवन एवं महिला छात्रावास अवस्थित है।
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सन 1908 से ही स्वनामधन्य गोपाल कृष्ण गोखले के आह्वान पर सम्पूर्ण देश द्वारा यह मांग की जा रही थी कि कम से कम प्राथमिक -शिक्षा अनिवार्य और निःशुल्क बना दी जाये। जब स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त हो रहा था , उसी समय पूज्य बापू महात्मा गाँधी ने राष्ट्रीय शिक्षा को एक महत्वपूर्ण स्वरुप दिया,जिसे बुनियादी शिक्षा के रूप में जाना जाता है। बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रशिक्षित शिक्षक की आवश्यकता महसूस की गई। प्रशिक्षित शिक्षकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन सरकार के प्रयास एवं सवोत्कृष्ट प्रशिक्षण संस्थान बायट माधोपट्टी के सौजन्य से सन 1908 ई० से संस्थान में शिक्षक -प्रशिक्षण कार्य प्रारम्भ किया गया। कालान्तर में 1946 से जूनियर बेसिक ट्रेनिंग की संकल्पना विकसित हुई। संस्थान की भावी उत्कृष्टता और गुरुकुल की परम्परा को देखते हुए तत्कालीन प्राचार्य एवं व्याख्याताओं ने विरासत में प्राप्त सिमित संस्थान में प्रशिक्षण कार्य को अनवरत जारी रखा।
धयातत्य है कि प्रारम्भ में इस संस्थान में 50 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण कार्य संचालित था। प्रशिक्षण कार्य की उत्तरोतर सफलता को देखते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्रीय राष्ट्रीय अध्यापक परिषद (NCTE) भुवनेश्वर से कुल 100 सीट पर स्वीकृति दी गई और सन 2016 में यहाँ कुल 200 सीट पर मान्यता दी गयी।
प्रखण्ड शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (BIET) माधोपट्टी ,दरभंगा से प्रशिक्षित छात्राध्यापक आज विभिन्न क्षेत्रों केंद्रीय विधालय ,नवोदय विधालय आदि में उत्कृष्ट पद प्राप्त कर संस्था का नाम राज्य और देश स्तर पर रौशन किया है। शिक्षा के क्षेत्र में बायट माधोपट्टी का प्रयास प्रशंसनीय है। शिक्षा विभाग बिहार सरकार ने इस संस्था की व्यापक सफलता को देखते हुए प्रमण्डल का इकलौता संस्थान जिसमे 200 intake दिया गया है। परम्परागत शिक्षण प्रशिक्षण के साथ में उत्कृष्ट ICT लैब की व्यवस्था की गयी है जिसमे छात्राध्यापक तकनीक के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त करने के साथ-साथ आधुनिक शिक्षण पद्धति से भी परिचित होते है। ज्ञान-प्रसाद का ललित लक्ष्य हमें आकर्षित किये है हमारे कदम बुलंदी से और बढ़ते जा रहे है।